Shareholder Quota IPO allotment : IPO allotment की संभावना को कैसे बढ़ाए ?
IPO (Initial Public Offering) के माध्यम से कंपनी पहली बार सार्वजनिक शेयर बाजार में अपने शेयर जारी करती है। जब कोई कंपनी IPO लाती है, तो उसमें विभिन्न प्रकार के आवेदक होते हैं, जैसे कि रिटेल निवेशक, संस्थागत निवेशक, और HNI (High Net-worth Individual) निवेशक। इनमें से एक महत्वपूर्ण कोटा शेयरधारकों के लिए होता है जिसे शेयरधारक कोटा कहा जाता है। इस ब्लॉग में हम विस्तार से समझेंगे कि यह शेयरधारक कोटा क्या है, इसके तहत कैसे आवेदन किया जा सकता है, और यह IPO में allotment की संभावना को कैसे बढ़ाता है।
शेयरधारक कोटा क्या है?
जब कोई कंपनी IPO जारी करती है, तो अगर आप उस कंपनी की होल्डिंग कंपनी या उसकी सहायक कंपनियों के पहले से ही शेयरधारक हैं, तो आपको एक विशेष कोटा के तहत IPO में आवेदन करने का मौका मिलता है, जिसे शेयरधारक कोटा कहा जाता है। इस कोटे के तहत आवेदक को प्राथमिकता मिलती है, जिससे IPO में शेयर पाने की संभावना अधिक हो जाती है।
शेयरधारक कोटा केवल उन निवेशकों के लिए होता है जो पहले से ही उस कंपनी की पेरेंट कंपनी या सहायक कंपनी के शेयरधारक हैं। इसका मतलब यह है कि अगर आप IPO में आवेदन करने से पहले एक निश्चित तारीख तक कंपनी के शेयर होल्ड करते हैं, तो आप इस कोटे के लिए योग्य हो सकते हैं।
शेयरधारक कोटा में आवेदन करने के लाभ
- allotment की संभावना बढ़ती है:
Shareholder Quota IPO allotment शेयरधारक कोटा के तहत आवेदकों को अन्य रिटेल निवेशकों की तुलना में बेहतर मौका मिलता है, क्योंकि उनके लिए एक निश्चित कोटा आरक्षित होता है। इसका मतलब है कि यदि आप इस कोटे के तहत आवेदन करते हैं, तो आपके allot होने की संभावना अधिक होती है। - संभावित लाभ:
जो निवेशक कंपनी में पहले से विश्वास करते हैं और उसके शेयर होल्ड करते हैं, उन्हें कंपनी की ग्रोथ में शामिल होने का और मौका मिलता है। यह लंबी अवधि के निवेशकों के लिए फायदेमंद हो सकता है, खासकर अगर कंपनी का भविष्य उज्ज्वल दिखता है। - रिटेल निवेशकों से अलग कोटा:
यह कोटा रिटेल निवेशकों के कोटे से अलग होता है, जिससे रिटेल निवेशकों की भीड़ से बचा जा सकता है। IPO में रिटेल निवेशकों का हिस्सा अधिक होने पर शेयरधारक कोटा आपके लिए एक विशेष अवसर प्रदान करता है।
कौन इस कोटे के लिए पात्र हैं?
- होल्डिंग की अवधि:
IPO में शेयरधारक कोटा के लिए पात्र बनने के लिए, आपको कंपनी के शेयर को IPO की घोषणा से पहले एक निश्चित तारीख तक होल्ड करना होगा। यह कट-ऑफ तारीख IPO प्रॉस्पेक्टस में दी जाती है। - शेयरधारक पहचान:
आप जिस डिपॉजिटरी (NSDL या CDSL) में अपने शेयर रखते हैं, उसी के आधार पर आपकी पात्रता तय होती है। आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपके नाम पर शेयर हो और आपके पास एक वैध डीमैट खाता हो। - अलग-अलग पेरेंट कंपनियां:
अगर आप उस कंपनी की पेरेंट कंपनी या उसकी किसी सहायक कंपनी के शेयरधारक हैं, तो भी आप IPO में शेयरधारक कोटा के तहत आवेदन कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि किसी कंपनी की सहायक कंपनी IPO ला रही है और आप पेरेंट कंपनी के शेयरधारक हैं, तो आपको भी इस कोटे का लाभ मिल सकता है।
शेयरधारक कोटा में आवेदन कैसे करें?
शेयरधारक कोटा के तहत IPO में आवेदन करने के लिए आपको कुछ विशेष चरणों का पालन करना होता है। आइए समझते हैं कि आप इस प्रक्रिया को कैसे पूरा कर सकते हैं:
- डीमैट खाता होना आवश्यक:
सबसे पहले, आपके पास एक वैध डीमैट खाता होना चाहिए जिसमें आपके नाम पर कंपनी के शेयर होल्ड किए गए हों। यह खाता NSDL या CDSL के साथ जुड़ा होना चाहिए। - शेयरधारक कोटा विकल्प चुनें:
जब आप IPO में आवेदन करते हैं, तो आपको “शेयरधारक कोटा” के तहत आवेदन का विकल्प चुनना होता है। यह विकल्प आपके ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म या ब्रोकर की वेबसाइट पर उपलब्ध होता है। - ASBA (Application Supported by Blocked Amount) प्रक्रिया का पालन करें:
IPO के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया ASBA के माध्यम से की जाती है। ASBA एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें आपकी बैंक राशि को तब तक ब्लॉक कर दिया जाता है जब तक कि आपको allotment न हो जाए। यदि आपको allotment नहीं होता है, तो वह राशि आपके खाते में अनब्लॉक कर दी जाती है। - सही आवेदन राशि भरें:
IPO में शेयरधारक कोटा के तहत आवेदन करते समय, आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपने सही आवेदन राशि भरी है। आवेदक को लॉट साइज और न्यूनतम निवेश राशि के अनुसार आवेदन करना होता है। - बिडिंग प्रक्रिया:
जब आप शेयरधारक कोटा के तहत आवेदन करते हैं, तो आपको बिडिंग स्लैब के अनुसार अपनी बोली लगानी होती है। यह बोली आपको IPO के मूल्य बैंड के अनुसार लगानी होती है। यदि आपके द्वारा लगाई गई बोली मूल्य बैंड के भीतर आती है, तो आपको शेयर allot किए जा सकते हैं।
शेयरधारक कोटा की सीमा
हालांकि शेयरधारक कोटा के तहत allotment की संभावना अधिक होती है, फिर भी इसमें कुछ सीमाएं और नियम होते हैं जिन्हें ध्यान में रखना आवश्यक है:
- allotment की गारंटी नहीं:
शेयरधारक कोटा के तहत आवेदन करने का मतलब यह नहीं है कि आपको निश्चित रूप से शेयर मिलेंगे। अगर इस कोटे के तहत मांग अधिक होती है और शेयर कम होते हैं, तो allotment लॉटरी सिस्टम के आधार पर होता है। - प्रत्येक कंपनी की अलग पात्रता शर्तें:
प्रत्येक कंपनी के IPO के लिए शेयरधारक कोटा की पात्रता शर्तें अलग हो सकती हैं। इसलिए, निवेशकों को हमेशा कंपनी के IPO प्रॉस्पेक्टस को ध्यान से पढ़ना चाहिए और उसमें दी गई जानकारी के अनुसार अपनी पात्रता की पुष्टि करनी चाहिए। - लिमिटेड शेयर:
शेयरधारक कोटे के तहत allot किए गए शेयरों की संख्या सीमित होती है। यदि ज्यादा संख्या में शेयरधारक आवेदन करते हैं, तो allotment समान रूप से वितरित नहीं हो पाता और हो सकता है कि सभी आवेदकों को पूर्ण लॉट नहीं मिलें।
शेयरधारक कोटा में अधिक allotment की संभावना कैसे बढ़ाएं?
- प्रति कंपनी कई डीमैट खाते:
अगर आपके परिवार के अन्य सदस्य भी उसी कंपनी के शेयरधारक हैं, तो आप सभी अलग-अलग डीमैट खातों से शेयरधारक कोटा के तहत आवेदन कर सकते हैं। इससे आपकी allotment की संभावना बढ़ जाती है, क्योंकि हर डीमैट खाते को अलग-अलग allotment मिल सकता है। - IPO में जल्दी आवेदन करें:
हालाँकि IPO में allotment समय से अधिक आवेदन के आधार पर किया जाता है, फिर भी जल्द आवेदन करने से यह सुनिश्चित होता है कि आपका आवेदन सही समय पर बिडिंग प्रोसेस में शामिल हो जाए। - सही मूल्य पर बोली लगाएं:
मूल्य बैंड के ऊपरी स्तर पर बोली लगाना आपकी allotment की संभावना को बढ़ा सकता है। कई बार निवेशक निचले स्तर पर बोली लगाते हैं और उनका आवेदन स्वीकार नहीं किया जाता।
Shareholder Quota IPO allotment: IPO allotment की संभावना को कैसे बढ़ाए ?
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